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Sarsi Island बाणसागर बांध पर सरसी द्वीप

Sarsi Island on bansagar dam

आज हम बताने जा रहे आपको एक ऐसे आईलैंड के बारे में, जो भारत में टाॅप लेवेल का बनाया गया है, जहाँ आपको एन्जॉय करने का फुल अवसर मिलेगा। यह आईलैंड है – “सरसी द्वीप”। यहाँ पर आपको प्राकृतिक छटाओं के बीच अपने दिनचर्या की थकावट कम करने का अवसर मिलेगा, और जिंदगी के भागम-भाग की दौड़ से, कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन फुरसत मिलेगी, और आप अपनी जिंदगी का एक अलग मजा उठा पाएंगे। यह आईलैंड भारत के मध्य प्रदेश राज्य में, शहडोल जिले, में “देवलोंद” में स्थित है।

1970 के दशक में सोन नदी पर भारत सरकार द्वारा एक बाँध गया था। यह “बांध परियोजना” तीन राज्यों की संयुक्त परियोजना है। यह तीन राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार। इस परियोजना की आधार शिला उस समय रखी गयी, जब भारत के प्रधानमंत्री “मोरार जी देसाई” हुआ करते थे। मोरार जी देसाई ने इस परियोजना की आधार शिला 14 मई 1978 को रखी थी, और इसका नाम रखा था – “बाणसागर परियोजना”। इस परियोजना का उद्देश्य है- किसानों की फसलों की सिंचाई करना व “जल विद्युत” का उत्पादन करना। यह परियोजना अपने उद्देश्य में सफल भी हुयी। इस परियोजना को 25 सितम्बर 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ”डॉ. मनमोहन सिंह” द्वारा राष्ट्र को समर्पित [ कुछ श्रोतों में – अटल बिहारी वाजपेई ] किया गया।

इसी बाण सागर बांध के बैक वाटर में राज्य सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा इस आईलैंड का निर्माण किया गया है। यह निर्माण ईको टूरिज्म के अंतर्गत पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है।

आइये जानते हैं कि इस बांध का नाम “बाणसागर” बाँध क्यों पड़ा ? इसका नाम संस्कत विद्धान “बाणभट्ट” के नाम पर पड़ा, जो कि इसी क्षेत्र के रहने वाले थे। अतः उन्हीं के नाम पर इस बांध का नाम “बाणसागर बांध” रखा गया।

हाल ही में यह बाँध अखबारों की सुर्खियों में आ गया, और चर्चा का विषय बन गया। 14 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. “मोहन यादव” ने इस आईलैंड पर बने रिसोर्ट का उद्घाटन किया।

यह आईलैंड मध्य प्रदेश के शहडोल जिला के ”देवलोंद” में बनाया गया है। यहाँ पर तीन बोट हैं। जो आपको वाटर स्पोर्ट्स का रोमांचकारी अनुभव कराएँगे। अगर आप अपने पल को और भी एन्जॉय के साथ यादगार बनाना चाहते हैं, तो आप बोटिंग के समय लंच या डिनर भी कर सकते हैं, जो आपको एक अलग एहसास कराएगा।

जब आप बोटिंग का पूरा लुत्फ़ उठा चुके हों, तब भी आप यहाँ के एक खूबसूरत पलों का लुत्फ़ उठा सकते हैं। आप यहीं पर बैठकर ताजी ठंडी – ठंडी हवा जो इस बैकवॉटर से होकर गुजरती है, और इन खूबसूरत पलों की गवाह बनती है,तो निश्चित ही यह आपके दिल के छूती है, और यदि आप अपने लाइफ पार्टनर के साथ हों, तो उन खूबसूरत पलों में और भी रोमांस पैदा करती है।

यहीं पर एक “किचेन गार्डन” भी बनाया गया है, आप चाहें तो यहाँ से सब्जियां अपने हांथों से तोड़कर भी खाना बना सकते हैं। यहाँ पर एक खास बात और है, कि यहाँ पर बच्चों के लिए भी “प्ले जोन” बनाये गए हैं। यदि आप फैमिली के साथ जाते हैं, तो यहाँ पर बच्चे भी खेलने का पूरा आनंद उठा पाएंगे। यदि आप जिम करना पसंद करते हैं तो आप यहाँ पर जिम का भी आनंद ले सकते हैं, इतना ही नहीं, जो लोग किताबें पढ़ने का शौक रखतें हैं, पर्यटन विभाग द्वारा उनके लिए भी रिसोर्ट में लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी है, और वो अलग – अलग किताबों को पढ़कर कुछ अतिरिक्त नॉलेज ले सकते हैं।

यहाँ से कुछ ही दूरी पर “बांधव नेशनल पार्क” है, जो “उमरिया” जिला में है, आप चाहें तो यहाँ भी जा सकते हैं, और वाइल्ड लाइफ का रोमांचकारी आनंद ले सकते हैं। यह “बांधव नेशनल पार्क” 1968 में बनाया गया था, एक खास बात यह कि यह पार्क 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसी उद्यान से होकर चरण गंगा नदी गुजरती है। इस उद्यान में हांथी, तेंदुआ देखे जा सकते हैं। इस पार्क की एक विशेषता और है, जो इसे अन्य नेशनल पार्क से अलग करती है, वह है – कि यहाँ पर “सफ़ेद शेर” पाए जाते हैं। तो अगर आप भी वाइल्ड लाइफ एन्जॉय करने का शौक रखते हैं, तो आप भी बांधवगढ़ नेशनल पार्क अवश्य जाए , और यहाँ पर “व्हाइट टाइगर” देखना ना भूलेँ।

इसी सरसी आईलैंड के पास कुछ ही दूरी पर “मैहर देवी” का मन्दिर है, यहाँ भी आप जा सकते हैं, और माँ मैहर देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। अभी तक यह मन्दिर सतना जिला में आता था, लेकिन अब “मैहर” ‘जिला’ बना दिया गया है, और इस तरह अब यह मैहर जिला में आता है। इस मन्दिर में लगभग 1000 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

सरसी द्वीप कब जाएँ

सरसी आईलैंड आप कभी भी जा सकते हैं।

यहाँ जब भी आप जाते हैं, तब बोटिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं, अगर आप बरसात के मौसम में जाते हैं तो यहाँ पर पानी अधिक हो सकता है। लेकिन यह इस तरीके से बनाया गया है, कि डैम भरने पर भी रिसोर्ट पूर्ण रूप से सुरक्षित रहेगा, और पूरा लुत्फ़ उठा सकते हैं।

कैसे जाएँ

यहाँ जाने के लिए उमरिया जिला के बांधव गढ़ से ब्योहारी होकर जा सकते हैं।

दूसरा मार्ग कटनी से मार्कण्डेय घाट पहुँचा जा सकता है। उसके बाद आईलैंड पर पहुँचने के लिए दो ही ऑप्शन हैं –

पहला ऑप्शन – मोटर बोट से जाएँ।

दूसरा ऑप्शन – हेलीकाप्टर से जाएँ।

कहाँ रुकें

यहाँ पर राज्य सरकार द्वारा 10 ईको हट्स बनाये गए हैं, जो M P T पोर्टल से ऑनलाइन बुक किये जा सकते हैँ। डबल आक्यूपेंसी वाले एक कमरे किराया लगभग ₹ 9000/- है, जिसमे GST नहीं जुडा है। आप चाहें ती शहडोल में भी किसी होटल में रूम ले सकते हैं, जिसका चार्ज कम और बजट फ्रेंडली होगा।

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डिस्कलेमर

यहाँ पर दिए गए चित्र प्रतीकात्मक हो सकते हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। हमारी वेबसाइट aksuhanasafar.com इस बारे में कोई भी दावा नहीं करती। कृपया अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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