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Parvati Aranga पार्वती अरंगा पक्षी विहार

जानें ऐसा पक्षी विहार, जहाँ आते हैं विदेशों से पक्षी, करते हैं प्रवास

एक ऐसा पक्षी विहार जहाँ आते हैं विदेशों से प्रवासी पक्षी। जी हाँ, उत्तर प्रदेश में एक ऐसा बर्ड सेंचुरी हैं, जहाँ साइबेरियन पक्षी आते हैं। यह सिर्फ साइबेरिया से ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों से भी आते हैं। यह बर्ड सेंचुरी है, भारत में उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिला में।

उत्तर प्रदेश की गोण्डा जिला में पार्वती अरंगा पक्षी विहार स्थित है। यह विहार जिला मुख्यालय से लगभग 40 – 45 किलोमीटर दूर वजीरगंज में हैं। यह वजीरगंज से लगभग 10 – 12 किलोमीटर दूर हैं, जो वजीरगंज मे ही आता हैं।

देशी – विदेशी पक्षी, यहाँ पर आने वाले पर्यटकों का बरबस ही मन मोह लेते हैं। पार्वती अरंगा पक्षी विहार अब धीरे -धीरे गोण्डा की पहचान बनता जा रहा है। दरअसल यहाँ पर दो झील हैं – पार्वती झील और अरंगा झील। अरंगा झील को अरगा झील भी कहते हैं। यह झीलें नौ गावों से होकर गुजरती हैं। रामसर सम्मलेन में इसे “आर्द्र भूमि” घोषित किया गया है। इन्ही दो झीलों को मिलाकर एक बर्ड सेंचुरी बनाई गयी है, और इस बर्ड सेंचुरी का नाम रखा गया – पार्वती अरंगा पक्षी विहार। यह 12000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में विस्तारित है।

यहाँ पर वैसे तो स्थानीय पक्षी आपको काफी संख्या में देखने को मिल जायेंगे, लेकिन यहाँ पर विदेशी पक्षी भी भारी संख्या में आते हैं।

अगर आप भी पक्षी प्रेमी है, तो आपके लिए यह जगह परफेक्ट हो सकती है। यहाँ पर पक्षियों की चहचहाहट, उनका कलरव निश्चित ही आपका मन मोह लेगी। जब शांत वातावरण में इन पक्षियों की मधुर आवाज़ सुरीली होकर कानो मे गूँजती है, तो पल भर ही सही, लेकिन जिंदगी के सारे थकान मिटा देती है। जब यह पक्षी आपस में अठखेलियां कर रहे हों, इसी बीच इन मीठे पानी की झीलों को निहारने में जो दिल को सकून मिलता है, वह फिर कहीं नहीं मिलता।

इसी बीच विदेशी पक्षी तो और भी यहाँ के वातावरण को मनमोहक बना देते हैं। जब रंग-बिरंगे पंखो वाले विदेशी पक्षी अपनी चाहचाहत से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। इन विदेशी पक्षियों में साइबेरियन पक्षी अलग ही आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। इसके अतिरिक्त मध्य एशिया से आने वाले पक्षी भी यहाँ पर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते रहते हैं। तिब्बत से आने वाले पक्षियों में छोटी मुर्गाबी, नकटा गिरी, व सुर्खाव प्रमुख हैं।

वास्तव में यह विदेशी पक्षी विशेषकर साइबेरियन पक्षी सर्दियों में भारत आते हैं, जब वहाँ पर भारी बर्फबारी होती है, तब यह साइबेरिया क्षेत्र से हज़ारों किलोमीटर का सफ़र करके भारत आते हैं, और यही पर प्रवास करते हैं। जब ठंडी कम होने लगती है, तो यह फिर अपने – अपने देश [स्थान पर] वापस होने लगते हैं। ऐसे ही कई क्षेत्र भारत में है, जहाँ भारी संख्या में विदेशी पक्षी भारत में प्रवास करते हैं, और मौसम अनुकूल होने पर वह स्वदेश वापस होने लगते हैं।

देशी पक्षियों में यहाँ काला तीतर, भूरा तीतर बटेर, बाज, कठफोड़वा, नीलकंठ सहित अन्य पक्षी भी मिलते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ पर सारस भी आपको देखने को मिल जाएगी।

पार्वती झील और महादेव

इस विहार में आपको दो झील भी देखने को मिल जाएंगी।

कहा यह भी जाता है, कि इस झील का नाम माता पार्वती की नाम पर रखा गया। मान्यता है कि यह झील महादेव और माँ पार्वती के अटूट बंधन को दर्शाती है। यद्यपि यह झील पक्षी विहर की लिए ही प्रसिद्ध है।

कब जाएँ

यहाँ पर आप कभी भी किसी भी मौसम में जा सकते हैं, लेकिन दिसंबर से मार्च का माह, जब काफी सर्दी उत्तर भारत में पड़ती है, तब यह विहार पक्षियों की चहचहाहट से गूँज उठता है, क्योंकि सर्दी के मौसम में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है, और इस बर्ड सेंचुरी में बहार आ जाती है।

कैसे जाएँ

पार्वती अरगा पक्षी विहार भारत में उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिला में स्थित है। यह वजीरगंज से कुछ दूरी पर स्थित है।

यद्यपि यह बलरामपुर के वन प्रभाग द्वारा मैनेज किया जाता है।

यहाँ पर जाने के लिए सड़क, रेल व वायु मार्ग से पहुँचा जा सकता है। यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन गोण्डा है, जहाँ से बस व टैक्सी से पहुँचा जा सकता है।

यहाँ पर जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ में “चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा” है। पहले इसका नाम अमौसी हवाई अड्डा था। यहाँ से टैक्सी या बस से सेंचुरी पहुँचा जा सकता है।

कहाँ पर रुके

जिला मुख्यालय गोण्डा में रुकने के लिए होटल मिल जायेंगे। अगर आप लक्जरी होटल चाहते हैं, तो “लखनऊ” बेस्ट रहेगा। लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी भी है।

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डिस्क्लेमर

यहाँ पर दिए गए चित्र प्रतीकात्मक हो सकते हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। हमारी वेबसाइट aksuhanasafar.com इस बारे में कोई भी दावा नहीं करती। कृपया अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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