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Ganesh Laxmi Aarti गणेश लक्ष्मी आरती

गणेश जी को हिंदू धर्म में सभी देवताओं में प्रथम माना गया है। गणेश चतुर्थी को कई लोग गणेश जी की पूजा करते है, और व्रत धारण करते हैं। जब भी कोई धार्मिक अनुष्ठान हिंदू धर्म में किया जाता है, तो गणेश जी की पूजा प्रथम होती है। हिंदू धर्म मानने वाले लोगों के घरों में गणेश लक्ष्मी की पूजा की जाती है। आइए पढ़ते हैं, गणेश लक्ष्मी आरती गीत । सबसे पहले गणेश जी की आरती-

गणेश जी की आरती-

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा,

एक दंत दयावंत चार भुजाधारी, माथे तिलक सोहे, मूसे की सवारी,

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा,

पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा,

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा,

अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया,

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा,

सूर श्याम शरण आये, सफल कीजै सेवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा,

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी, कामना को पूरा करो जगबलिहारी।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

माता लक्ष्मी जी की आरती

माता लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है। लक्ष्मी जी भगवान विष्णु जी की पत्नी है। इनकी पूजा गणेश जी के साथ में कई जाती है। दीपावली को जहाँ घरों में दीपक जलाये जाते हैं, वहीं दीपावली में लोग घरों में या मन्दिरों में माता लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं।

गणेश लक्ष्मी आरती मे अब लक्ष्मी जी की आरती-

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता, सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजन, सुख संपति दाता, जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि, सिद्ध धन पाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

तुम ही पाताल निवासिन, तुम ही शुभ दाता, कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर तुम रहती, सब सद्गुण आता, सब संभव हो जाता, मन नहीं घबड़ाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाता, खान पान का वैभव सब तुमसे आता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

शुभ गुण, मन्दिर सुंदर, क्षीरसागर जाता, रत्न चतुर्दस तुम बिन, कोई नहीं पाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता, उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

ऊँ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता, तुमको निसि दिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।।

ऊँ जय लक्ष्मी माता।।

माता सरस्वती जी

ज्ञान की देवी- “माँ सरस्वती”

चलती रहे बस मेरी लेखनी, माँ इतना योग्य बना देना।
मेरे सर पर हाँथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना।।

सरस्वती वंदना पूरी पढ़े- ma-saraswati-ji-vandana-माँ-सरस्वती-जी-की-वंदना

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जय माता दी।।

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