𝘚𝓾𝓱𝓪𝓷𝓪 𝘚𝓪𝓯𝓪𝓻 : सुहाना सफ़र

सफ़र एक यादगार

𝓞𝓶 𝓖𝓪𝓷𝓮𝓼𝓱𝓪𝔂 𝓝𝓪𝓶𝓪𝓱.
𝓗𝓪𝓵𝓵𝓸 𝓕𝓻𝓲𝓮𝓷𝓭𝓼,

आपका हमारी वेबसाइट “सुहाना सफ़र” पर स्वागत है। हम अपनी वेबसाइट पर आपके साथ यात्रा संबंधी जानकारी साझा करते हैं। मैं ट्रैवल्स से संबंधित कुछ खास यात्राओं के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट “सुहाना सफर” की शुरुआत करने जा रहा हूं।

मैं एक ब्लॉगर के रूप में ट्रैवेल रिलेटेड वो सभी जानकारियां देने की कोशिश करुँगा, जो मै दे सकता हूँ। जहाँ तक अपने बारे में बात करें तो मुझे साहित्यकार “भगवतीचरण वर्मा” की लिखी वो लाइन याद आ गई-

हम दीवानों की क्या हस्ती, आज यहाँ कल वहाँ चले।
मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।।

“भारतीय स्वतंत्रा आंदोलन के समय तत्कालीन संयुक्त प्रांत में जन्में ( वर्तमान में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला में) भगवतीचरण वर्मा जी की ही कुछ लाइन यहाँ पर और लिखना चाहुँगा-

किस ओर चले ? मत ये पूँछो, बस चलना है, इसलिए चले।
जग से उसका कुछ लिए चले, जग को अपना कुछ दिए चले।।”

जी हाँ, वास्तव में पथिक भी नहीं जानता कि अपनी जीवन की यात्रा में उसे किस ओर जाना है? हाँ, एक बात अवश्य है कि उसकी यात्रा की दिशा उस ओर अवश्य होनी चाहिए जिस ओर उसका लक्ष्य है….। इसी जिंदगी के सफ़र के बीच हम देश-विदेश के सफ़र की जानकारी देते रहेंगे, जो इस ब्लॉग पर पढ़ते रहेंगे । हम अपनी वेबसाइट पर धार्मिक यात्रा और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा, रोमांचक यात्रा, भारतीय व विदेश से जुड़ी यात्राओं के बारे में भी आपको जानकारी देते रहेंगे। इसके अतिरिक्त आपको नेचुरल ट्रेवल्स जैसे- झरने, पहाड़, बीच, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां भी आपको देते रहेंगे। मेरा ब्लॉग आपकी यात्रा में सहायक होने के साथ-साथ आपको सफर में एक ख़ुशनुमा वातावरण प्रदान करता रहेगा।

यात्रा शब्द अपने आप में ही एक ऐसा शब्द है कि सुनते ही मन में रोमांचकारी तरंगें पैदा करता है। तभी तो “राहुल सांकृत्यायन” जी ने कहा था,-

सैर कर दुनिया की गाफ़िल जिंदगानी फिर कहाँ।
जिंदगानी ग़र रही तो नौजवानी फ़िर कहाँ।।

तो बने रहिए आप, हमारी वेबसाइट पर और लेते रहिए सफ़र का आनंद ! और बनाएँ अपने सफ़र को “सुहाना सफ़र” और इतना कि बन जाए –

“सफ़र एक यादगार”..